तन्हाई की रातों में, दर्द की गहराइयों में खो जाता हूँ, जब तेरे होते हुए भी किसी और ने तसल्ली दी मुझे। तो दर्द को छुपा कर हँसने की कोशिश करता हूँ। हमारे टेलीग्राम चैनल से यहाँ क्लिक करके जुड़ें ज़ख़्म ही तेरा मुक़द्दर हैं दिल तुझ को कौन सँभालेगा https://youtu.be/Lug0ffByUck